ना कुछ पाने की दुआ है
ना कुछ खोने का गम
मैं इस एहसास से वाकिफ तो हूँ
पर क्यूँ ये जुदा है मुझसे, जैसे कि तुम
चाहता हु कि सरे बंधन तोड़ दू
ये उलझन और उल्फतों का जाल मरोढ दू
एक अपना आसमान चाहता हु
और चाहता हु जगमगाते सितारे
एक महासागर चाहता हु
और चाहता हु लहरें
एक गुलाब, एक गुलदस्ता, एक रंग और एक रंगोली चाहता हूँ
सारे अरमान और उनकी पहचान चाहता हूँ
कभी ये सोच के दार जाता हु की जिस चाहत की में बात करता हूँ
की क्या उसकी सचाई से में वाकिफ भी होना चाहता हूँ
कुछ ख्वाइश, कुछ अरमान, और कुछ वादे हैं
मेरी इच्छाओं के भार से मेरे दृश्ये हैं नम
फुलवारी की नहीं फूलों की ख्वाइश की
अफ़सोस ये रहा की काटों का अरमान न था
प्यार से उम्मीद थी बेहद गहरे एहसास की
पर हट में छोटे वादों का मान ना रहा
दसर के एहसास ने मेरे जीवन को सत्य बनाया
जो कुछ अधुरा अनसुना अनकहा था उसे सम्पूर्ण बनाया
दर्द से मिलने वाली ख़ुशी ने मुझे अचम्भे से मिलवाया
साफ़ लफ़्ज़ों में कहू तो जीवन में मकसद के होने का महत्व समझाया
ख्वाइश, अरमान, एहसास और वदून से मेरा रिश्ता टुटा नहीं
पर मुझे इन सबका एक नया चेहरा नज़र आया
मेरी ख्वाइश, मेरे अरमान, मेरे एहसास, मुझसे किये वादे
मुझे इन सबका खुद से अलग एक अस्तित्व नज़र आया
मैंने गैरों की ख़ुशी में अपनी क्व्हैशों का नज़ारा पाया
मैंने वादों से बढ़कर उन्हें निभाने का जज्बा करीब पाया
किसी की चाहत में लोगों को दर्द चुनते सुना था
अपने आंसुओं को चूमने को हिम्मत कहते सुना था
मैंने ताः उम्र जब दूसरों की खुशियों को सराखों पे सजाया
मेरे दर्द को कुछ कहने का रास्ता ही नज़र नहीं आया
अपनी मौत से पहले मैंने बेइन्तेहाँ सकूं पाया
जानत के रस्ते में मुझे खुदा का घर नज़र आया
ना कुछ खोने का गम
मैं इस एहसास से वाकिफ तो हूँ
पर क्यूँ ये जुदा है मुझसे, जैसे कि तुम
चाहता हु कि सरे बंधन तोड़ दू
ये उलझन और उल्फतों का जाल मरोढ दू
एक अपना आसमान चाहता हु
और चाहता हु जगमगाते सितारे
एक महासागर चाहता हु
और चाहता हु लहरें
एक गुलाब, एक गुलदस्ता, एक रंग और एक रंगोली चाहता हूँ
सारे अरमान और उनकी पहचान चाहता हूँ
कभी ये सोच के दार जाता हु की जिस चाहत की में बात करता हूँ
की क्या उसकी सचाई से में वाकिफ भी होना चाहता हूँ
कुछ ख्वाइश, कुछ अरमान, और कुछ वादे हैं
मेरी इच्छाओं के भार से मेरे दृश्ये हैं नम
फुलवारी की नहीं फूलों की ख्वाइश की
अफ़सोस ये रहा की काटों का अरमान न था
प्यार से उम्मीद थी बेहद गहरे एहसास की
पर हट में छोटे वादों का मान ना रहा
दसर के एहसास ने मेरे जीवन को सत्य बनाया
जो कुछ अधुरा अनसुना अनकहा था उसे सम्पूर्ण बनाया
दर्द से मिलने वाली ख़ुशी ने मुझे अचम्भे से मिलवाया
साफ़ लफ़्ज़ों में कहू तो जीवन में मकसद के होने का महत्व समझाया
ख्वाइश, अरमान, एहसास और वदून से मेरा रिश्ता टुटा नहीं
पर मुझे इन सबका एक नया चेहरा नज़र आया
मेरी ख्वाइश, मेरे अरमान, मेरे एहसास, मुझसे किये वादे
मुझे इन सबका खुद से अलग एक अस्तित्व नज़र आया
मैंने गैरों की ख़ुशी में अपनी क्व्हैशों का नज़ारा पाया
मैंने वादों से बढ़कर उन्हें निभाने का जज्बा करीब पाया
किसी की चाहत में लोगों को दर्द चुनते सुना था
अपने आंसुओं को चूमने को हिम्मत कहते सुना था
मैंने ताः उम्र जब दूसरों की खुशियों को सराखों पे सजाया
मेरे दर्द को कुछ कहने का रास्ता ही नज़र नहीं आया
अपनी मौत से पहले मैंने बेइन्तेहाँ सकूं पाया
जानत के रस्ते में मुझे खुदा का घर नज़र आया
Comments