مُکَمَّل मुकम्मल


मैं ग़म मे डूबा दिन को रात कर ना सका
मुझे मेरा प्यार मिल गया, मैं नसीब को बदनाम कर ना सका

मैं अकेलापन महसूस कर 
ना सका
मुझे मेरा प्यार मिल गया, मैं खुद से बात कर 
ना सका

मैं ज़िन्दगी मे मशरूफ था ग़िला कर 
ना सका
मुझे मेरा प्यार मिल गया, मैं फरियाद कर 
ना सका

मेरा हर पल ज़िया था चकाचैंन्ध कर 
ना सका
मुझे मेरा प्यार मिल गया, मैं अंधेरा शामिल कर 
ना सका

मेरे भी मंसूबे टूटे आह: का ईन्तेज़ार कर 
ना सका
मुझे मेरा प्यार मिल गया, ठोकरों का इस्तिक़बाल कर 
ना सका

दिल तो मेरे पास आखिर एक ही था, बार बार दिल देने का वाइदा कर 
ना सका
मुझे मेरा प्यार मिल गया, मैं हर मुस्कान पे थोडा और दिल देना बंद कर 
ना सका



©️ नकुल चतुर्वेदी 11-06-2021

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