ज़माने
उस समय की भी कोई मजबूरी ज़रूर होगी
इस रस्म की भी कोई कहानी ज़रूर होगी
इस रस्म की भी कोई कहानी ज़रूर होगी
वफ़ा का वादा किया था, उसकी ज़रूरत होगी
उसको निभानी की तुम्हारी नीयत भी ज़रूर होगी
इंसान जो चाहे वो उसको मिल जाये
ऐसे में चाहत थोड़ी कम तो ज़रूर होगी
होनी मेरे मुताबिक़ न हो ये नौबत ज़रूर होगी
ऐसे में मेरे दिल में थोड़ी हलचल ज़रूर होगी
बुरा ज़माने में कोई नहीं होता
लेकिन फिर भी कभी, हादसों की कमी नहीं होगी
©️ नकुल चतुर्वेदी , 27 June 2021
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