रोमांच

आसमां के चांद को कहां पता ज़मीन के ईनसान की दिक्कतें
जिसे वो चाहता है जहां मे सबसे ज़्यादा, उसे खबर ही नही

चांद भी तो अपनी ही उलझनों में फसा है, हर समय
कोई देखे उसे तो लगता है की देखता ना होगे कुछ, धब्बों के सिवाए 








©️ नकुल चतुर्वेदी , 27 June 2021

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