नाउम्मीद


विष का प्याला भी हास्के पी लेता
वस्ल-इ-यार की उम्मीद न होती जो

पैरहन उतरा हुआ भी पहन लेता
नज़रों में बेजाई न होती जो
    
हजूम के बीच बेबाकी से रह लेते
ग़म-ख़ोर होने की हाजत न होती जो 
                  
शायद थोड़ा और जी लेता
मेरी उम्मीद, नाउम्मीद न होती जो





©️ नकुल चतुर्वेदी , 27 June 2021



Keywords:
1) वस्ल-इ-यार - uniting with lover
2) बेजाई - destitution\
3) हजूम - mass
4) बेबाकी - boldness 
5) ग़म-ख़ोर - patient sufferer
6) हाजत - necessity 

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